राजकीय महाविद्यालय, सरकाघाट (जिला मंडी, हिमाचल प्रदेश)
स्थापना वर्ष: 1985

रीता देवी (M.A., M.Phil., SET)
विभागाध्यक्ष, हिन्दी विभाग
राजकीय महाविद्यालय सरकाघाट (हि. प्र.)
अनुभव: 20 वर्ष
विभागाध्यक्ष का संदेश
हिन्दी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, संवेदना और आत्मा की अभिव्यक्ति का माध्यम है। राजकीय महाविद्यालय सरकाघाट के हिन्दी विभाग का उद्देश्य विद्यार्थियों को न केवल साहित्यिक दृष्टि से समृद्ध करना है, बल्कि उन्हें समाज के प्रति उत्तरदायी, संवेदनशील और विवेकशील नागरिक के रूप में तैयार करना भी है।
विभाग 1985 से सतत सक्रिय है और तभी से हिन्दी साहित्य के विविध पक्षों—कविता, कहानी, उपन्यास, आलोचना, लोक साहित्य—का अध्ययन, अनुशीलन और लेखन यहाँ की परंपरा रही है। विभागीय गतिविधियों के अंतर्गत हम प्रतिवर्ष हिन्दी दिवस का आयोजन करते हैं, संगोष्ठियाँ एवं सेमिनार आयोजित करते हैं और विद्यार्थियों की अभिव्यक्तिपूर्ण भागीदारी को बढ़ावा देते हैं।
“सरसी” नामक महाविद्यालय की वार्षिक पत्रिका में हिन्दी विभाग का योगदान विशेष रूप से रचनात्मक और नेतृत्वकारी रहा है। शिक्षण के साथ-साथ विभाग लेखन एवं सांस्कृतिक विकास को भी समान महत्व देता है। विद्यार्थियों की साहित्यिक अभिरुचि को उभारने के लिए हम निरंतर प्रयासरत हैं।
मेरा यह विश्वास है कि साहित्य के अध्ययन से विचारशीलता, सहिष्णुता और आत्मबोध की वह शक्ति जन्म लेती है जो व्यक्तित्व निर्माण की नींव बनती है। इसी विश्वास के साथ हम हिन्दी विभाग को निरंतर समृद्धि की ओर अग्रसर कर रहे हैं।
– रीता देवी
विभागाध्यक्ष, हिन्दी विभाग
ईमेल: reetzraj077@gmail.com
विभाग का इतिहास (Department History):
राजकीय महाविद्यालय सरकाघाट के हिंदी विभाग की स्थापना वर्ष 1985 में हुई थी। प्रारंभ में सीमित संसाधनों के साथ आरंभ हुआ यह विभाग आज क्षेत्र के हिंदी भाषा एवं साहित्य के अध्ययन का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है। विगत चार दशकों से विभाग ने न केवल अकादमिक उपलब्धियों में उल्लेखनीय योगदान दिया है, अपितु छात्रों के सर्वांगीण विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
विजन (Vision):
हिंदी भाषा और साहित्य के माध्यम से छात्रों में मानवीय संवेदना, सांस्कृतिक चेतना और रचनात्मक सोच का विकास करना, ताकि वे राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर अपने ज्ञान और व्यक्तित्व से समाज को सकारात्मक दिशा दे सकें।
मिशन (Mission):
हिंदी भाषा और साहित्य की गहरी समझ विकसित करना।
छात्रों को अनुसंधान, लेखन, संवाद और विश्लेषण की क्षमता से समृद्ध करना।
क्षेत्रीय लोक-संस्कृति, साहित्य और भाषा पर केंद्रित गतिविधियों द्वारा छात्र-समाज को अपनी जड़ों से जोड़ना।
नाटक, भाषण, कविता-पाठ, लेखन प्रतियोगिता जैसी सृजनात्मक गतिविधियों के माध्यम से छात्रों की प्रतिभा को मंच प्रदान करना।
विभाग की प्रमुख उपलब्धियाँ (Major Achievements):
हिंदी दिवस: प्रत्येक वर्ष हिंदी दिवस पर विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जैसे कि भाषण प्रतियोगिता, निबंध लेखन, कविता पाठ एवं पोस्टर निर्माण।

सेमिनार/वर्कशॉप: विभाग नियमित रूप से साहित्यिक सेमिनार, संगोष्ठी एवं कार्यशालाओं का आयोजन करता है।

प्रकाशन: विभागीय छात्र-लेखन को प्रोत्साहित करते हुए वार्षिक पत्रिका में छात्रों के लेख, कविताएं व शोध लेख प्रकाशित किए जाते हैं।
सांस्कृतिक सहभागिता: छात्रों को लोकगीत, नाट्य प्रस्तुति एवं वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाता है।

सर्वांगीण विकास हेतु प्रतिबद्धता: विभाग का प्रयास रहता है कि छात्रों के व्यक्तित्व, अभिव्यक्ति और नैतिक मूल्यों का विकास हो, जिससे वे समाज के प्रति उत्तरदायी नागरिक बन सकें।
